सोमवार, 1 फ़रवरी 2010

दुआ

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मांगी ये दुआ किसने
मेरी जिंदगी की खातिर
दामन छुड़ा के देखो
मेरी मौत जा रही है

तपते हुए सहरा में
दुआओं का करिश्मा है
घटा बनके सर पे देखो
मेरे साथ जा रही है

रोशन रहें ये राहें
इन गम के अंधेरों में
दुआ बनके दीप देखो
मेरे पास आ रही है

उसी रब का रूप हैं ये
कितना असर है इनमें
मंजिल भी चलके देखो
मेरे क़दमों में आ रही है

हर सू अमन हो जग में
हर माँ की ये दुआ है
धरती भी माँ है निर्झर
माँ आंसूँ बहा रही है !

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11 टिप्‍पणियां:

निर्मला कपिला ने कहा…

हर सू अमन हो जग में
हर माँ की ये दुआ है
धरती भी माँ है निर्झर
माँ आंसूँ बहा रही है !बहुत सुन्दर
रोशन रहें ये राहें
इन गम के अंधेरों में
दुआ बनके दीप देखो
मेरे पास आ रही है
सकारात्मक सोच को दर्शाती सुन्दर कविता बधाई

दिगम्बर नासवा ने कहा…

उसी रब का रूप हैं ये
कितना असर है इनमें
मंजिल भी चलके देखो
मेरे क़दमों में आ रही है ...

दुआओं में बहुत असर होता है ......... बहुत अच्छा लिखा है .......

Mithilesh dubey ने कहा…

बहुत ही सुन्दर कविता है भाई ।

रंजना ने कहा…

WAAH !!! ATISUNDAR....BHAAVPOORN BAHUT HI SUNDAR ABHIVYAKTI...

SACHMUCH DUAON ME ITNA ASAR HOTA HAI KI WAH ANHONI KO BHI HONI KAR DE...

sandhyagupta ने कहा…

Sundar aur bhavpurn abhivyakti. Shubkamnayen.

ज्योति सिंह ने कहा…

उसी रब का रूप हैं ये
कितना असर है इनमें
मंजिल भी चलके देखो
मेरे क़दमों में आ रही है

हर सू अमन हो जग में
हर माँ की ये दुआ है
धरती भी माँ है निर्झर
माँ आंसूँ बहा रही है !
bahut pyaari rachna ,gahre bhav me doobi hui ,sundar

Naveen Tyagi ने कहा…

holi ki hardik shubhkaamna.

ज्योति सिंह ने कहा…

holi ki dhero badhai ,happy holi .

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

निर्झरनीर,

बहुत दिनों बाद तुम्हारी कोई रचना पढ़ी ...बहुत सुन्दर भों से सजी इस रचना ने बहुत सुकून दिया....बहुत बहुत बधाई

kshama ने कहा…

हर सू अमन हो जग में
हर माँ की ये दुआ है
धरती भी माँ है निर्झर
माँ आंसूँ बहा रही है !
Rachnaki harek pankti gazab hai!

aadilrasheed ने कहा…

neer ji aapka blog dekha sundar rachnaen hain