गुरुवार, 26 मार्च 2015

"जरुरी है"

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अँधेरे गर ना होंगे तो
ये जुग्नू भी नहीं होंगे
उजाले भी जरुरी है 
अँधेरे भी जरूरी है।

अगर ये दिन जरूरी है
तो रजनी भी जरूरी है
ये चंदा भी जरुरी है
ये तारे भी जरूरी है।

सरिता भी जरूरी है 
ये सागर भी जरूरी है
अगर जीवन जरूरी है 
तो ये जल भी जरुरी है।

ये किस्तें भी जरुरी है  
ये रिश्ते भी जरुरी है
कहीं पर तुम जरुरी हो 
कहीं पर हम जरुरी है।।  



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2 टिप्‍पणियां:

स्वाति ने कहा…

very nice.......

रचना दीक्षित ने कहा…

कहीं पर तुम जरुरी हो
कहीं पर हम जरुरी है।।
सच ही कहा आपने सब कुछ ही तो जरुरी है