गुरुवार, 13 अक्तूबर 2011

किसी की आँख से आंसू यूँ ही

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किसी की आँख से आंसू यूँ ही तो बह नहीं सकता !
कुछ ऐसे जख्म होते है जिन्हें दिल सह नहीं सकता !!

उन्हें मुझसे शिकायत है कि मैं ख़ामोश रहता हूँ !
मगर कुछ लोग कहते है कि मैं चुप रह नहीं सकता !!

हकीक़त है की हर बाजी अभी तक है मेरे हक में  !
बड़ा ज़ालिम जमाना है अभी कुछ कह नहीं सकता !!

मुझे मालूम है कड़वा बहुत होता है सच लेकिन !
मेरी फितरत ही ऐसी है कहे बिन रह नहीं सकता !!

बहुत मुश्किल है कुछ बातें छुपाकर दिल में रख पाना !
ये आँखें कह ही देती है जो 'निर्झर' कह नहीं सकता !!  


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