एक पल
एक ऐसा पल
जो समेटे है
मिलन और जुदाई
एक पल ही तो है
जो जोड़े रखता है
अतीत को भविष्य से
आने वाले को जाने वाले से
सिर्फ मन के भाव बदलते है
यथार्थ में कुछ नहीं बदलता
बदलते है तो सिर्फ अहसास
कुछ सपने , कुछ ख्वाहिशें
उम्मीदों की कुछ किरणें
हौसलों के पंख
नववर्ष का आगाज है
मन की बाहें फैलाकर
इसका स्वागत करो
कहते है....
जब जागो, तभी सवेरा
अगर चाहते हो
आने वाली पीढ़ियों को
तुम पर गर्व हो
तो जागो
अतीत के अनुभव की मिटटी में
भविष्य के सपने बो कर
करो शुरुआत
करो शुरुआत
एक नए युग की
नए वर्ष के
उगते सूरज के साथ.
नववर्ष मंगलमय हो !
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