मंगलवार, 3 अप्रैल 2012

आईने में ज़िन्दगी

भीख मांग रहा है फिल्म ‘मदर इंडिया’ का जमींदार ......
उसकी आवाज़ बहुत हल्की है
उसकी बातों में बहुत तल्खी है
वो भी तारा था चमकता नभ का 
बात सच है ये मगर कल की है  
धूल चेहरे पे ज़मी है अब तक 
उसकी आँखों में नमी है अब तक
उसने रिश्तों को जिया है शायद
उसने विष पान किया है शायद
उसमें ज़ज्बात अभी बाकी है
ज़ीस्त की आस अभी बाकी है
वो भी तकदीर का मारा होगा 
वो भी इस वक़्त से हारा होगा !!

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