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अनमोल लम्हे कुछ
जीवन के
हमसे राहों में छूट गए
जीवन के
हमसे राहों में छूट गए
हम नादाँ थे नादानी में
कुछ बंधन हमसे टूट गए
मैं लौट के फिर से आया हूँ
यादों के टुकड़ों को चुनने
इन राहों से इन बाँहों से
कुछ बंधन हमसे टूट गए
मैं लौट के फिर से आया हूँ
यादों के टुकड़ों को चुनने
इन राहों से इन बाँहों से
था य़की मुझे मिल जाने का
मुरझाई कली खिल जाने का
मुरझाई कली खिल जाने का
कुछ राही बरसों बाद मिले
कुछ वीराने आबाद मिले
कुछ वीराने आबाद मिले
कुछ गीत फ़िजा में घुले हुए
सब मन के दर्पण धुले हुए
में भटक रहा था यहाँ वहां
खुशियों की खातिर कहाँ-कहाँ
सब खुशियाँ क़ैद मिली मन में
अब सुकूँ मिला है जीवन में !..............
16 टिप्पणियां:
badhiya likha hai..lekin kin galiyo se gujre aaj
भावों को खूबसूरत शब्द दिये हैं ।
Tabiyat kharab hai,lekin aapkee rachana dikhi to padhne baith gayee...bahut sundar!
यादों की खुशबू हमेशा इस चमन में बहती रहेगी.. सुन्दर..
यादों की महक और मदहोशी में डूबना इसके लिये सुखकर नहीं है. सुंदर प्रस्तुति.
कुछ मिले .... कितनी खुशियाँ दे गए , बहुत अच्छे भाव
सुन्दर रचना..
भावों को खूबसूरत प्रस्तुति ,,,,
RECENT POST: दीपों का यह पर्व,,,
आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल बृहस्पतिवार 15 - 11 -2012 को यहाँ भी है
.... आज की नयी पुरानी हलचल में ....
कुछ पटाखे , कुछ फुलझड़ियाँ और कुछ उदास चुप्पियाँ.. .
बहुत सराहनीय प्रस्तुति.
बहुत सुंदर बात कही है इन पंक्तियों में. दिल को छू गयी. आभार !
बेह्तरीन अभिव्यक्ति .बहुत अद्भुत अहसास.सुन्दर प्रस्तुति.
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाये आपको और आपके समस्त पारिवारिक जनो को !
मंगलमय हो आपको दीपो का त्यौहार
जीवन में आती रहे पल पल नयी बहार
ईश्वर से हम कर रहे हर पल यही पुकार
लक्ष्मी की कृपा रहे भरा रहे घर द्वार..
सब मन के दर्पण धुले हुए
में भटक रहा था यहाँ वहां
खुशियों की खातिर कहाँ-कहाँ
सब खुशियाँ क़ैद मिली मन में
अब सुकूँ मिला है जीवन में !
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मन के दर्पण यों ही स्वच्छ
रह खुशियों से झिलमिलाते रहें - दीवाली के मंगल दीपों के साथ!
सब मन के दर्पण धुले हुए
में भटक रहा था यहाँ वहां
खुशियों की खातिर कहाँ-कहाँ
सब खुशियाँ क़ैद मिली मन में
अब सुकूँ मिला है जीवन में !
दीवाली के मंगल दीपों के साथ मन का दर्पण खुशियों से झलमलाता रहे !
भावों की खूबसूरत अभिव्यक्ति
बेहद प्रभाव साली रचना बहुत अच्छी रचना .....
आप मेरे भी ब्लॉग का अनुसरण करे
आज की मेरी नई रचना आपके विचारो के इंतजार में
तुम मुझ पर ऐतबार करो ।
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waah bahut khoob. sach hai hriday mein dhundhne par khushiyan vahin ek kone mein basi mil jati hain.
shubhkamnayen
Kyaa baat hai kyaa baat hai kyaa baat hai...
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