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इस तरह भी ना कहो
भले की भी, बुरी लगे
मना भी इस तरह करो
कि ना भी,ना सी,ना लगे !
ये दौर कुछ अलग सा है
यहाँ दोस्त भी फ़लक सा है
कहीं पड़ ना जायें सिलवटें
गले लगें, की ना लगें !
वो गैर की सुनें भी क्यूं
जिन्हें बाप की बुरी लगे
बेटे इस क़दर बड़े हुए
की माँ भी,माँ सी,ना लगे !
काफियों के फेर में क्यूँ
मन की मन में ही रहे
'नीर' ने मन की कही
भली लगे ,बुरी लगे !!
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3 टिप्पणियां:
वाह...क्या लिखी है ....
बेहतरीन....बहुत बहुत अच्छी।
waah bahut sunder
बहुत खूब ... मन की मन में रहे अगर काफिये की फेर में पड़ना है तो ...
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