जिन आँखों ने तेरे सिवा सपना कोई देखा नही !
तुने उन आँखों से रिसते खूँ को भी देखा नही !!
बेखुदी मेरी कहो या बेसहूरी नाम दो !
मैंने अपने आप को तुझसे ज़ुदा देखा नही !!
एक नज़र ए-बेखबर तू डाल इस फ़कीर पे !
चार-सू नज़रें तेरी बस एक मुझे देखा नही !!
तुने आसमां से टूटते तारों को देखा रोज़ शब !
एक मेरे दिल का टूटना तुने कभी देखा नही !!
ये इश्क ले आया मुझे उस अर्श से इस फर्श पे !
कुछ लोग कहते है दीवाना नीर सा देखा नही !!
एहसास
1 माह पहले
6 टिप्पणियां:
ये इश्क ले आया मुझे उस अर्श से इस फर्श पे !
कुछ लोग कहते है दीवाना नीर सा देखा नही !!
वाह ! बहुत खूबसूरत लिखा है.
तुने आसमां से टूटते तारों को देखा रोज़ शब !
एक मेरे दिल का टूटना तुने कभी देखा नही !!
बहुत खूब कहा
तुने आसमां से टूटते तारों को देखा रोज़ शब !
एक मेरे दिल का टूटना तुने कभी देखा नही !!
ये इश्क ले आया मुझे उस अर्श से इस फर्श पे !
कुछ लोग कहते है दीवाना नीर सा देखा नही !!
बहुत खूबसूरत लिखा है.
bahut khoob.. bahut hi badhiya
तुने आसमां से टूटते तारों को देखा रोज़ शब !
एक मेरे दिल का टूटना तुने कभी देखा नही !!
बहूत ख़ूब...
बहुती अच्छे अशआर है
गजल की क्लास चल रही है आप भी शिरकत करिए यहाँ पर जाकर
www.subeerin.blogspot.com
वीनस केसरी
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